Bihar Board matric Social Science Vvi Question answer 2024
प्यारे साथियों इस नए आर्टिकल में आप सभी को बताने जा रहा हूं जितने भी छात्र एवं छात्राएं बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 में देने जा रहे हैं तो यह प्रश्न आपके लिएकाफी है लाजवाब है तो आप लोग इस प्रश्न को नोट जरूर कर लें
1. अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं ?
उत्तर – अर्थशास्त्री ब्राउन के अनुसार “अर्थव्यवस्था आजीविका अर्जन की एक प्रणाली है। संक्षेप में, अर्थव्यवस्था समाज की सभी आर्थिक क्रियाओं का योग है।
2. आर्थिक क्रियाएं किसे कहते हैं?
उत्तर – हमारी वे सभी क्रियाएं जिनसे हमें आय प्राप्त होती है, आर्थिक क्रियाएं कहलाती हैं।
3. आर्थिक नियोजन किसे कहते हैं ?
उत्तर– आर्थिक नियोजन का अर्थ- राष्ट्र की प्राथमिकताओं के अनुसार देश के संसाधनों का विभिन्न विकासात्मक क्रियाओं में प्रयोग करना है।
4. वस्तु-विनिमय प्रणाली से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– वस्तु से वस्तु का लेनदेन वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाता है।
5. मौद्रिक प्रणाली किसे कहते हैं ? उत्तर – मुद्रा से वस्तुओं एवं सेवाओं का विनिमय मौद्रिक प्रणाली कहलाता है।
6. एटीएम (A.T.M.) कार्ड से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – एटीएम कार्ड एक प्लास्टिक कार्ड होता है जो किसी भी बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को जारी किया जाता है । ग्राहक अपने 4 अंक के गुप्त पिन की मदद से अपने खाता में जमा राशि को किसी भी समय (24 घंटे) किसी भी एटीएम मशीन से निकाल सकता है।
7. डेबिट (Debit) कार्ड किसे कहते हैं ?
उत्तर -डेबिट कार्ड बैंक के द्वारा दिया गया एक प्लास्टिक कार्ड होता है । जिसके द्वारा ग्राहक बैंक में अपनी जमा राशि को निकाल सकता है। इसे ATM कार्ड भी कहा जाता है।
8. क्रेडिट कार्ड किसे कहते हैं ?
उत्तर– क्रेडिट कार्ड बैंक के द्वारा दिया गया एक प्लास्टिक कार्ड होता है | ग्राहक इस कार्ड से ऋण के रूप में एक सीमा तक पैसे अथवा वस्तु प्राप्त कर सकता है। पुनः ये राशि बैंक को वापस भी करनी पड़ती है । यह कार्ड बैंक के सभी ग्राहकों को नहीं दिया जाता है कुछ चुनिंदे ग्राहकों को ही दिया जाता है जिसकी आय अच्छी होती है
9. राष्ट्रीय आय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – किसी देश में एक वर्ष की अवधि में उत्पादित सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं।
10. मानव विकास रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -मानव विकास रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के द्वारा जारी किया जाता है । जिसमें विभिन्न देशों की तुलना लोगों के शैक्षणिक स्तर, उनके स्वास्थ्य की स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है।
11. नरेगा या मनरेगा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– मनरेगा रोजगार देने की एक राष्ट्रीय योजना है । इसके अंतर्गत ग्रामीण मजदूरों को साल में कम से कम एक 100 दिनों के लिए रोजगार देने की व्यवस्था है। इसके लिए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित है।
12. सतत विकास से आप क्या समझते हैं
उत्तर -सतत विकास का शाब्दिक अर्थ है – ऐसा विकास जो जारी रह सके, टिकाऊ बना रह सके । सतत विकास में न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि भावी पीढ़ी के विकास को भी ध्यान में रखा जाता है।
13. समावेशी विकास किसे कहते हैं ?
उत्तर– आर्थिक विकास की जिस पद्धति से समाज के सभी वर्गों का जीवन स्तर ऊंचा होता जाए तथा समाज का कोई भी वर्ग विकास के लाभ से अछूता नहीं रहे तो ऐसे ही विकास की क्रिया को समावेशी विकास कहा जाता है।
14. मिश्रित अर्थव्यवस्था से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – मिश्रित अर्थव्यवस्था पूंजीवादी तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण है । मिश्रित अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जहां उत्पादन के साधन का स्वामित्व सरकार तथा निजी व्यक्तियों के पास होता है। भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है । यह अर्थव्यवस्था पूंजीवाद एवं समाजवाद के बीच का रास्ता है।
15. आधारिक संरचना पर प्रकाश डालें ?
उत्तर -वे सभी तत्व जैसे बिजली, परिवहन, संचार, बैंकिंग, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि देश के आर्थिक विकास के आधार हैं उन्हें देश का आधारित संरचना कहा जाता है। किसी देश के आर्थिक विकास में आधारिक संरचना का महत्वपूर्ण स्थान होता है | जिस देश का आधारभूत संरचना जितना अधिक विकसित होगा वह देश उतना ही अधिक विकसित होगा।
16. अर्थव्यवस्था की संरचना से क्या समझते हैं इन्हें कितने भागों में बांटा गया है ?
उत्तर – अर्थव्यवस्था की संरचना का मतलब विभिन्न उत्पादन क्षेत्रों में इसके विभाजन से है। क्योंकि अर्थव्यवस्था में विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाएं संपादित की जाती हैं जैसे- कृषि, उद्योग, व्यापार बैंकिंग बीमा, परिवहन, संचार आदि ।
अर्थव्यवस्था को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जाता है
(i) प्राथमिक क्षेत्र- प्राथमिक क्षेत्र को कृषि क्षेत्र भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत कृषि, पशुपालन, पक्षी पालन, जंगलों से वस्तुओं को प्राप्त करना जैसे व्यवसाय आते हैं।
(ii) द्वितीय क्षेत्र – द्वितीय क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र भी कहा जाता है – इसके अंतर्गत खनिज, व्यवसाय निर्माण कार्य, जनोपयोगी सेवाएं जैसे – गैस और बिजली आदि के उत्पादन आते हैं।
(iii) तृतीय क्षेत्र– तृतीय क्षेत्र को सेवा क्षेत्र’ भी कहा जाता है । इसके अंतर्गत बैंक एवं बीमा परिवहन संचार एवं व्यापार आदि क्रियाएं सम्मिलित होती हैं।
17. आय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार का शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करता है और उस कार्यों के बदले में जो पारिश्रमिक मिलता है। उसे उस व्यक्ति की आय कहते हैं।
18. गरीबी गरीबी को जन्म देती है, कैसे?
उत्तर – महान अर्थशास्त्री रेगनर नर्क्स के अनुसार गरीबी गरीबी को जन्म देती है। गरीबी के कारण उनकी आय कम होती है और अशिक्षा और अज्ञानता के कारण बच्चे की पैदाइश अधिक होती है। फलतः उनकी अगली पीढ़ी और अधिक गरीब हो जाती है । गरीबी का कुचक्र अनवरत चलता रहता है | इसका आशय यह है कि गरीबी को जन्म देती है।
19. राष्ट्रीय आय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – वर्ष भर में किसी देश में अर्जित आय की कुल मात्रा को राष्ट्रीय आय कहा जाता है।
20. शुद्ध राष्ट्रीय आय किसे कहते हैं ?
उत्तर -कुल राष्ट्रीय उत्पादन में से उत्पादन के क्रम में किए गए खर्चों को घटा देने के बाद जो बचता है उसे शुद्ध राष्ट्रीय आय कहते हैं।
21. सकल घरेलू उत्पादन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर -एक देश की सीमा के एक वर्ष में उत्पादित समस्त वस्तुओं तथा सेवाओं का कुल बाजार या मौद्रिक मूल्य उस देश का सकल घरेलू उत्पादन कहलाता है।
22. भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना कब और किसके द्वारा की गई थी ?
उत्तर – भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना 1868 ई० में दादाभाई नरोजी के द्वारा की गई थी ।
21. भारत में राष्ट्रीय आय की गणना किस संस्था के द्वारा होती है?
उत्तर – भारत में राष्ट्रीय आय की गणना केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) के द्वारा की जाती है।
22. मुद्रा किसे कहते हैं ?
उत्तर – नैप के अनुसार कोई भी वस्तु जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित की जाती है, मुद्रा कहलाती है। प्रोफेसर होटले विट्स के अनुसार मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करें
23. बचत किसे कहते हैं ?
उत्तर -आय तथा उपभोग का अंतर बचत कहलाता है।
24. साख से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – साख का अर्थ विश्वास या भरोसा होता है। जिस व्यक्ति का जितना ही अधिक विश्वास या भरोसा होता है उसके साख उतनी ही अधिक होती है।
25. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों पर प्रकाश डालें।
उत्तर -वस्तु विनिमय प्रणाली में मनुष्य को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था ।
(i) आवश्यकता के दोहरे संयोग का आभाव– वस्तु विनिमय प्रणाली की यह प्रमुख कठिनाई थी। आवश्यकता के दोहरे संयोग का मतलब है कि एक की जरूरत दूसरे से मेल खा जाए लेकिन ऐसा कभी संयोग ही होता था कि किसी की जरूरत किसी से मेल खा जाए। ऐसी स्थिति में विनिमय में कठिनाई होती थी ।
(ii) मूल्य के सामान्य मापक का आभाव – वस्तु विनिमय प्रणाली की दूसरी बड़ी कठिनाई मूल्य के मापक से संबंधित थी । ऐसा कोई सर्वमान्य मापक नहीं था । जिसकी सहायता से सभी प्रकार के वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य को ठीक प्रकार से मापा जा सके ।
(iii) मूल्य संचयन का अभाव – वस्तु विनिमय प्रणाली में लोगों के द्वारा उत्पादित वस्तुओं के संचय की असुविधा थी । व्यवहार में व्यक्ति कुछ ऐसी वस्तुओं का उत्पादन करता है जो शीघ्र नष्ट हो जाती है। ऐसी शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुएं जैसे- मछली, फल, सब्जी इत्यादि का लंबी अवधि तक संचय करना कठिन था ।
(iv) मूल्य हस्तांतरण की समस्या – वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य के हस्तांतरण में कठिनाई होती थी। कठिनाई उस समय और अधिक बढ़ जाती थी जब कोई व्यक्ति एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर बसना चाहता था । ऐसी स्थिति में उसे अपनी संपत्ति छोड़कर जाना पड़ता था क्योंकि उसे बेचना कठिन था ।
26. किसानों को साख अथवा ऋण की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर – खेती मानसून पर आधारित है। खेती करना जुए के समान होता है। कई बार किसानों को इस पर नुकसान भी लग जाता है। जिसके कारण उसके पास पैसा बिल्कुल नहीं होता है। किसानों को ऋण की आवश्यकता खेती करने के दौरान उन्नत खाद्य, बीज एवं खेती से संबंधित यंत्रों को खरीदने के लिए होती है।
27. सहकारिता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – सहकारिता एक ऐसा संगठन है जिसमें सामान्य आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए लोग स्वेच्छा पूर्वक मिलजुल कर कार्य करते हैं। दूसरे शब्दों में, सहकारिता वह संगठन है जिसके द्वारा दो या दो अधिक व्यक्ति सुरक्षा पूर्वक मिलजुल कर सामान स्तर पर आ हितों की वृद्धि करते है।
28. स्वयं सहायता समूह से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – ग्रामीण क्षेत्र में 15-20 व्यक्तियों का एक समूह है जो बैंकों से लघु ऋण लेकर पारिवारिक जरूरतों को पूरा करते हैं। एक गांव के विकास में अपना योगदान देते हैं।
29. सूक्ष्म वित्त योजना को परिभाषित करें।
उत्तर– सूक्ष्म वित्त योजना के द्वारा गांव, कस्बा और जिला में गरीब जरूरतमंद लोगों को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसमें छोटे पैमाने पर कम ब्याज पर ऋण की सुविधा दी जाती है। जिसे हम लोग आम बोलचाल की भाषा में ग्रुप कहते हैं।
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