Bihar Board 15 February Hindi Subjective Viral Question 2024
Bihar Board 15 February Hindi Subjective: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 15 फरवरी से 22 फरवरी 2024 तक आप सभी को इस पोस्ट के माध्य से 100% मैच करने वाला प्रश्न बताने वाला हू । आप लोग इस हिंदी प्रश्न उत्तर को याद एव कॉपी पर जरूर लिख ले .
Class 10th Hindi Viral Question Paper Answer 2024:
1.माँ मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती है? विचार करें।
उत्तर – माँ मंगु को अस्पताल में भर्ती नहीं कराना चाहती थी क्योंकि उन्हें लगता था कि जितने प्यार से वह उसकी सेवा करती हैं कोई नहीं करेगा । उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाएगा। वह अपने से खाना नहीं खाती है, कोई उसे खिलाएगा या नहीं। उसे कुछ नहीं आता था यहाँ तक कि उसे कपड़े का ध्यान भी नहीं रहता था। इतना कौन करेगा । शायद अस्पताल से काम नहीं करने के कारण मार भी पड़े। इस डर से माँ मंगु को अस्पताल में भर्ती नहीं कराना चाहती थी।
2. मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर – मंगम्मा कहानी की नायिका हैं जो पति द्वारा उपेक्षित रही है। वह विधवा है और दही बेचकर परिवार का भरण-पोषण करती है। वह खुले दिल की है। वह अपना हर अनुभव या सुख-दुःख लेखक की पत्नी को सुनाती रहती है। वह चरित्रनिष्ठ, कर्मनिष्ठ एवं व्यवहार कुशल नारी है। उसका पति दूसरी औरत के पीछे लगा रहता था, फिर भी उसकी परवाह किए बगैर वह पत्नी का दायित्व निभाती रही। वह स्वतंत्रता प्रिय थी। परिवार पर अपना वर्चस्व रखना चाहती थी, जिस कारण बहु के विरोध का सामना करना पड़ता था। माँ बेटे पर से अपना हक छोड़ना नहीं चाहती थी तो बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती थी । इसी होड़ में वह बहू एवं चेटे से अलग हो जाती है, लेकिन रंगप्पा की धृष्टता के आगे झुकती नहीं है, परन्तु भयभीत अवश्य होती है। फलतः पोते की ओर आकृष्ट होती है और परिवार के साथ रहने की इच्छा प्रकट करती है। माँ जी, जब कहती है कि बीती बातों पर मिट्टी डालकर बेटे के साथ रह जाओ, तो कहती है-“मैं तो रह जाऊँगी माँजी। पर वह रहने दे तब न ।” इन बातों से स्पष्ट होता है कि समझदार एवं परिवार प्रिय महिला है।
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3. सीता अपने ही घर में घुटन क्यों महसूस करती है?
उत्तर – सीता तीन बेटों की एक बुढ़ी विधवा माँ है। उसके तीनों बेटे माँ के खाना को लेकर आपस में झगड़ते रहते है। उसकी बहुएँ आपस में झगड़ती रहती है, इसलिए उसे अपने ही घर में घुटन महसूस होती है।
4 . लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘नगर’ क्यों रखा ? स्पष्ट करें।
उत्तर – लेखक ने कहानी का शीर्षक “नगर’ बहुत सोच-समझकर रखा है। इस कहानी का प्रतिपाद्य नगर-जीवन से संबंधित है। नगरों में बड़े-बड़े अस्पताल होते हैं। वहाँ जाने पर वहाँ के लोगों की कर्त्तव्य विमुखता और संवेदनहीनता का पूरा पता चलता है। आज की नगरीय व्यवस्था में लोग सिर्फ नाम के लिए या दिखावे के लिए काम करते है, उनमें सेवा-भाव नाममात्र का भी नहीं होता। इस प्रकार यह शीर्षक नगरीय जीवन की प्रमुख विशेषताओं का संकेतक है। अतः कहानी का शीर्षक सार्थक और सटीक है।
5. खोखा किन मामलों में अपवाद था?
उत्तर – सेन साहब को पाँच पुत्रियाँ थी। पुत्र का आविर्भाव तब हुआ जब संतान की कोई उम्मीद बाकी नहीं रह गई थी अर्थात् सेन साहब को पुत्र तब नसीब हुआ जब पति-पत्नी दोनों बुढ़ापे के अंतिम पड़ाव पर पहुँच चुके थे। इसलिए खोखा जीवन के नियमों के अपवाद के साथ-साथ घर के नियमों का भी अपवाद था।
6 . अम्बेदकर के अनुसार जाति प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है?
उत्तर – जाति प्रथा मनुष्य को जीवन भर के लिए एक पेशे में बाँध देती है। उसे कोई अन्य पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती, भले ही वह उस पेशे में पारंगत क्यों न हो । आधुनिक युग में उद्योग-धंधा की प्रक्रिया व तकनीक में निरंतर विकास के कारण कभी-कभी पेशा में भी अकस्मात् परिवर्तन हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को पेशा बदलना अनिवार्य हो जाता है। लेकिन जाति प्रथा के कारण पेशा बदलने की अनुमति नहीं मिलती है तो भुखमरी तथा बरोजगारी की समस्या खड़ी हो जाती है। इस प्रकार जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।
7. अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।
उत्तर – बहादुर सामने खड़ा औरतों को बुरी तरह मलका रहा था। यह बारह-तेरह वर्ष का था। उसका मुँह चपटा, रंग गोरा तथा कद नाटा था। वह आधे बाँह की कमीज तथा सफेद रंग का पैंट तथा भूरे रंग का कूर्ता पहने हुए था। गले में रूमाल बाँधने के कारण वह स्काउटों जैसा प्रतीत हो रहा था। लेखक के परिवार के लोग उसे ऐसे घेरे हुए थे, जैसे वह कोई अजनबी चीज हो।
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8. बिस्मिल्ला खाँ मतलब-बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई ।’ एक कलाकार के रूप में बिस्मिल्ला खाँ का परिचय पाठ के आधार पर दें। .
उत्तर – बिस्मिल्ला खाँ एक महान् शहनाईवादक थे। उन्हें शहनाई का पर्याय माना जाता है। इसलिए बिस्मिल्ला खाँ का मतलब बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई होती है। शहनाई का तात्पर्य उसका हाथ और हाथ का मतलब उनकी फूँक और शहनाई की जादुई आवाज लोगों को इस प्रकार सम्मोहित कर देती थी कि लोग प्रसन्नता से झूम उठते थे। शहनाई में सात सुरों का सरगम भरा है। उसमें सही ताल और राग है। शहनाई में परवरदिगार, गंगा मइया तथा गुरु की शिक्षा थी। उन्होंने अपनी शहनाई से छोटे-छोटे सुर का करतब शुरू किया। फिर उनकी शहनाई और अधिक सुरीली होनी शुरू हो गई। उनकी फूँक में अजान की तासीर उतरती चली गई और देखते-देखते शहनाई डेढ़ सतक के साज से दो सतक का साज बनकर साजो की कतार में सरताज बन गईं। अतः एक महान् कलाकार के सारे गुण उनमें विद्वमान थे ।
9. शिक्षा का ध्येय गाँधीजी क्या मानते थे और क्यों?
उत्तर – चरित्र निर्माण’ को गाँधी जी शिक्षा का ध्येय मानते थे । उनका कहना था कि चरित्र निष्ठ व्यक्ति ही समाज को नई दिशा दे सकता है। वे मानते थे कि साहस, बल, सदाचार और बड़े लक्ष्य के लिए काम करने में आत्मोसर्ग की शक्ति का विकास साक्षरता से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। पुस्तकीय ज्ञान तो उस उद्देश्य का साधन मात्र है । गाँधी जी कहते थे कि बिना चरित्र निर्माण के बच्चे-त्याग, सहानुभूति, प्रेम, सदाचार के मूल्य को नहीं समझ पायेंगे । उनका ख्याल था कि व्यक्ति का जब चरित्र निर्माण हो जाएगा तो समाज अपना काम स्वयं सँभाल लेगा। इसलिए चरित्र-निर्माण की शिक्षा आवश्यक है।
10. लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का क्या सम्बन्ध है?
उत्तर – महान् प्रतिभाशाली कलाकार पंडित बिरजू महाराज का जन्म 1938 ई० में लखनऊ में हुआ था जबकि उनकी बहनों का जन्म रामपुर में हुआ था। लखनऊ में उन्होंने बहुत समय तक अपना जीवन व्यतीत किया था। लखनऊ में ही उनकी मुलाकात निर्मला जी से हुई थी जिन्होंने उन्हें कथक डांस करने की सलाह दी थी, जिस कारण उनके जीवन की नई शुरूआत हुई । इस प्रकार लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का घनिष्ठ संबंध था।
11 डुमराँव की महत्ता किस कारण से है ?
उत्तर – भारतरत्न शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ का जन्म डुमराँव में ही हुआ था। इसके परदादा उस्ताद सलार हुसैन खाँ डुमराँव के ही निवासी थे । शहनाई और डुमराँव का एक-दूसरे के साथ सम्बन्ध भी है और वह यह है कि शहनाई में प्रयुक्त होने वाली रीड या रीड नरकट (एक प्रकार का गन्ना सा पौधा जो खोखला होती है) डुमराँव में सोन नदी के किनारों पर पाई जाती है। इन्हीं कुछ कारणों से डुमराँव की महत्ता है।
12. धर्मों की दृष्टि से भारत का क्या महत्व है ?
उत्तर – लेखक का कहना है कि धर्मों की दृष्टि से भारत का विशेष महत्त्व है। सर्वप्रथम वेद की रचना भारत में ही हुई थी। यहाँ धर्म के वास्तविक उद्भव, उसके प्राकृतिक विकास तथा उसके अपरिहार्य क्षीयमाण रूप का प्रत्यक्ष परिचय मिल सकता है। यह ब्राह्मण अथवा वैदिक धर्म की भूमि है, बौद्ध धर्म की जन्म भूमि है, पारसियों के धर्म की शरणस्थली है। भगवान बुद्ध का जन्म भारत में ही हुआ था जिन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार किया । दैवत विज्ञान की आधारशिला भी यही रखी गयी ।
Viral Objective Question 2024
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