Bihar board Matric 17 February Sanskrit Subjective Viral Question 2024

Bihar board Matric 17 February Sanskrit Subjective Viral Question 2024

Bihar board Matric 17 February Sanskrit: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा आयोजित 17 फरवरी संस्कृत सब्जेक्टिव वायरल क्वेश्चन पेपर इस आर्टिकल में हम वैसा क्वेश्चन आपको बताने वाले हैं संस्कृत का जो सीधे आपके परीक्षा हॉल में देखने को मिलेगा तो नीचे दिए गए सब्जेक्टिव क्वेश्चन को आप लोग इसे जरूर याद करें और अपने कॉपी में जरूर नोट करें ।

Class 10th Sanskrit Subjective Viral Question 2024

1. किसे आत्म-दर्शन होता है ?

उत्तर-आत्मा सूक्ष्म से सूक्ष्म और विशाल से विशाल है । इस रहस्य को समझने वाले व्यक्ति को ही आत्म-दर्शन होता है

2. पाटलिपुत्र शब्द किस आधार पर प्रचलित हुआ ?

उत्तर- भगवान् बुद्ध  समय गंगा नदी के तट पर पाटलिग्राम अवस्थित था । कालान्तर में यही गाँव पाटलिपुत्र के नाम से प्रचलित हुआ । पाटलिपुत्र यह शब्द भी पाटल फुलों के पंखुरियों से निर्मित गुड़िया के कारण प्रचलित हुआ ।

3. मध्यकाल में पाटलिपुत्र 1000 वर्ष पुराना था, कैसे पता चला ?

उत्तर-मध्यकाल में पाटलिपुत्र 1000 वर्ष पुराना था इसका संकेत अनेक साहित्यिक ग्रंथ मुद्राराक्षस आदि में प्राप्त होता है ।

4. निर्गतियों एवं अनाथों में आलसी को प्रथम क्यों माना गया है ?

उत्तर-सभी निर्गतियों एवं अनाथों में आलसी को प्रथम माना गया है क्योंकि वह भूख की आग से पीड़ित होकर भी कुछ नहीं कर सकता है ।

5. अलसशाला का खर्च क्यों बढ़ गया ?

उत्तर-आलसियों के सुख देखकर धूर्त लोग भी बनावटी आलस्य दिखाकर भोज्य पदार्थ ग्रहण करने के लिए अलसशाला में एकत्र हो गए । फलस्वरूप अलसशाला का खर्च बढ़ गया ।

6. बृहदारण्यकोपनिषद् में क्या वर्णित है ?

उत्तर- वृहदारण्यक उपनिषद् में याज्ञवल्क्य की पत्नी मैत्रेयी, दार्शनिक रूचि की थी, ऐसा वर्णन किया गया है, जिसको याज्ञवल्क्य आत्म तत्त्व की शिक्षा देते थे ।

7. लौकिक संस्कृत सहित्य के प्रमुख संस्कृत लेखिकाओं का उल्लेख करें ।

उत्तर- लौकिक संस्कृत साहित्य के प्रमुख संस्कृत लेखिकाओं में क्षमाराव नामक विदुषी अत्यंत प्रसिद्ध हैं । क्षमाराव के अतिरिक्त पुष्पादीक्षित, वनमाला भवालकर, मिथिलेश कुमारी आदि प्रमुख हैं।

   PDF डाउनलोड करने के लिए Click करे

8. भारत भूमि का गुणगान करते हुए देवगण क्या कहते हैं ?

उत्तर-देवता लोग भारत देश का गुणगान करते हैं । वे कहते हैं कि भारतीय भूमि मोक्ष और स्वर्ग प्रदान करने का साधन है। मनुष्य भारत भूमि पर जन्म लेकर भगवान् हरि की सेवा के योग्य बन जाते हैं ।

9. जन्मपूर्व संस्कारों का उद्देश्य क्या है ?

उत्तर-जन्म से पहले तीन संस्कार हैं-गर्भाधान, पुंसवन और समीन्तोनयन । इसमें गर्भरक्षा, गर्भस्थ शिशु में संस्कार की स्थापना तथा गर्भवती की प्रसन्नता के प्रयोजन को कल्पना करना ही जन्मपूर्व संस्कारों का मुख्य उद्देश्य है ।

10. शिक्षा की समाप्ति पर गुरु शिष्य को क्या उपदेश देते थे ?

उत्तर – शिक्षा की समाप्ति पर गुरु जीवन के धर्मों कर्त्तव्यों का उपदेश देते थे। जैसे सत्य बोलो, धर्म का आचरण करो; स्वाध्याय से जी मत चुराओ आदि।

11. सम्पन्नता चाहने वाले मनुष्य को किन दोषों का परित्याग करना चाहिए?

उत्तर- सम्पन्नता चाहने वाले मनुष्य को नींद, तन्द्रा, डर, क्रोध, आलस्य और दीर्घसूत्रता इस छह दुर्गुणों को त्याग देना चाहिए ।

12. भीखन टोला गाँव देखने आये शिक्षक ने कैसे बालक को देखा ?

उत्तर- भीखन टोला ग्राम आए शिक्षक ने दलित बालक को देखा और उसके अलौकिक सुन्दर स्वभाव के वशीभूत हो गए।

13. मूलशंकर में वैराग्य भाव कैसे उत्पन्न हुआ ?

उत्तर- मूलशंकर को मूर्तिपूजा में विश्वास नहीं रहा। दो वर्ष के अन्दर ही पत्नी का बेहान्त हो गया । इसके बाद उनमें वैराग्यभाव आ गया और वे विद्वान तथा साधु संता के संग घूमने लगे ।

14 .चकवापक्षी मन्दाकिनी की शोभा किस प्रकार बढ़ा रहे हैं ?

उत्तर – मीठी बोली बोलने वाले चकवा पक्षी सुन्दर कलरव करते हुए मन्दाकिनी नदी की शोभा बढ़ा रहे हैं.

15. ‘व्याघ्रपथिककथा’ से क्या शिक्षा मिलती है ?

उत्तर- नारायण प्रण्डित द्वारा रचित यह कथा नीतिपरक और आदर्शपरक है । इस कथा से हमें यही शिक्षा मिलती है कि लोभवश हमें अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहिए । लोभवश ही पथिक बूढ़े बाघ के वाग्जाल में फंसकर अपना प्राण गवाँ देता है । बिना सोचे-समझे कोई काम नहीं करना चाहिए । कहा भी गया है-

Bihar board Matric 17 February Sanskrit

Download link

Download Links 

PDF Download  Click HereClass 10th Sanskrit
All Subject PDF  Click HereClass 10th Sanskrit
Telegram  Join Now
WhatsApp Channel  Join Us

 

यदि आप एक स्टूडेंट है और घर बैठे मोबाइल से पैसा कमाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक कर कर आप पढ़ सकते हैं

            

Leave a comment